कल्पना

“कल्पना “#2

मैं एक शहर के एक अपार्टमेंट के बेसमेंट मैं बैठा हूँ। ऐसी जगहों पर अमूमन आदमी या तो गाड़ी पार्क करने आता है या शराब गांजा पीने या अपनी प्रेमिका से फुर्सत के कुछ बेबाक पल बीताने।

मैं यहां एक बीयर की कैन लेकर आया हूँ। society नयी है इसलिए बेसमेंट में एक भी गाड़ी पार्क नही की गयी है। ये जगह बहुत शांत और सुनसान है। ऐसी जगह कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छी होती है।

मैं जिस इमारत में रहता हू उस इमारत को खड़ा रखने के लिए कई पिल्लर का इस्तेमाल कियौ गया। इस इमारत में खास बात ये है की इस इमारत को खड़ा रखने के लिए मेरी शक्ल के कई लड़के पिलर बने हुए है।

ये मुझे पिछले आधे घण्टे से शराब पीते देख रहे है पर इन्होंने मुझे कुछ कहा नही। मुझे अपनी शक्ल के इन लड़को को पिलर बनते देख कुछ अजीब नही लगा। मेरे साथ इस तरह की घटनाये होती है जब भी मैं 5 से ज्यादा beer पी लेता हूँ।

मैंने अपनी शक्ल वाले एक पिलर से अभी अभी कहा है “भाई आप लेंगे”
“नही मैं पीता नही”
“क्यों”
“मैं पिलर हू न, मैं पियूँगा तो लड़खड़ाने लगूंगा”
“मैं भी पीता हू, लड़खड़ाता भी हू पर अगले दिन सब नॉर्मल, try करो यार बड़ी अच्छी चीज है”
“भाई आपके कंधे पर बस आपकी जिंदगी का भार है, और आपकी जिंदगी बहुत हल्की है। मेरे ऊपर कई जिंदगियों का भार है मैं नही पी सकता”
“अच्छा। आपने किसी से प्यार किया है”
“हां एक लड़की थी कोचिंग क्लास में। वो अब कलेक्टर बन चुकी है। मैं नही बन पाया। इसलिए आज पिलर हूँ।
“आपको उसकी याद नही आती”
“आती है पर क्या करें जब भी उसकी याद आती है मैं इस बेसमेंट के दो चूहों को खाने के लिए लड़ाई करते देख लेता हूँ फिर मुझे उसकी याद नही आती”
“उनका नाम क्या है”

एक लम्बी चुप्पी

“सीरीतल”
“काफी ठंडा नाम है, मेरी बीयर की तरह। उनकी शादी हो गयी”
“हां”
“वाह”
“उनकी याद आती है”
“हां”
“बीयर पियेंगे”
“हां”
“ये लीजिये”
“बहुत प्यारी बीयर है”

पिलर अब लड़खड़ा रहा है। कुछ देर में वो गिर जायेगा।

प्रेम चीजों को तबाह करने का अच्छा माध्यम है।

~ Rishabh Mishra

Author: Rishabh Mishra

अभी मैं उस अबोध बालक की तरह हूँ जो समुद्र के किनारे पड़े सीपो को इकठा कर रहा है जब की मोती तो समुद्र के तल में है।

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